कंगुवा बॉक्स ऑफिस: नॉर्थ अमेरिका में भारी घाटे का सामना कर रही सूर्या की फिल्म

  


साउथ सिनेमा के सुपरस्टार सूर्या की बहुप्रतीक्षित फिल्म **'कंगुवा'** ने बॉक्स ऑफिस पर रिलीज होते ही काफी चर्चा बटोरी। शानदार विजुअल इफेक्ट्स, भव्य सेट और दमदार कहानी के वादे के साथ यह फिल्म दुनियाभर में रिलीज हुई थी। हालांकि, नॉर्थ अमेरिका में इस फिल्म का प्रदर्शन उम्मीद से काफी कम रहा है, जिससे इसे भारी घाटा झेलना पड़ा है।  


 क्यों फ्लॉप हो रही है 'कंगुवा' नॉर्थ अमेरिका में?  

1. कंटेंट का लोकेशन से मेल नहीं बैठना

   भारतीय पौराणिक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित इस फिल्म का कथानक नॉर्थ अमेरिकी दर्शकों के लिए थोड़ा असंबंधित लग सकता है। इस क्षेत्र के दर्शकों को ऐसे कंटेंट की आदत नहीं है, जो पूरी तरह भारतीय संदर्भों में लिपटा हो।  


2. बॉक्स ऑफिस रणनीति में चूक 

   फिल्म का प्रचार-प्रसार नॉर्थ अमेरिका में बेहद सीमित रहा। इसके चलते न केवल फिल्म की शुरुआती स्क्रीनिंग्स प्रभावित हुईं, बल्कि वर्ड ऑफ माउथ भी कमजोर रहा।  


3. लोकल कंटेंट से टक्कर

   'कंगुवा' को नॉर्थ अमेरिका में कई बड़े हॉलीवुड प्रोजेक्ट्स से सीधा मुकाबला करना पड़ा। वहां की लोकल ऑडियंस के पास पहले से ही 'किलर्स ऑफ द फ्लावर मून' और 'द मार्वल्स' जैसे ऑप्शन्स थे, जो बड़े पैमाने पर दर्शकों को खींचने में सफल रहे।  


क्या सूर्या की लोकप्रियता पर पड़ेगा असर?  

सूर्या भारतीय सिनेमा के ऐसे कलाकार हैं, जिन्होंने कई बेहतरीन फिल्मों के जरिए न केवल देश बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है। हालांकि 'कंगुवा' का नॉर्थ अमेरिका में प्रदर्शन कमजोर रहा, लेकिन भारत और अन्य एशियाई देशों में यह फिल्म अच्छा प्रदर्शन कर रही है।  


'कंगुवा' की कमाई पर असर  

फिल्म की कुल बजट **300 करोड़ रुपए** बताई जा रही है, लेकिन शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक नॉर्थ अमेरिका से इसका कलेक्शन उम्मीद से काफी कम, सिर्फ **7-8 करोड़ रुपए** तक सिमट गया है। प्रोडक्शन हाउस को यहां लगभग **10-12 करोड़ रुपए** का नुकसान उठाना पड़ा है।  


आगे की राह  

फिल्म की टीम अब डिजिटल रिलीज और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर ध्यान केंद्रित कर रही है, ताकि इंटरनेशनल मार्केट में अपने नुकसान की भरपाई कर सके। ओटीटी पर इस फिल्म की रिलीज से इसे नया जीवन मिल सकता है।  



'कंगुवा' भले ही नॉर्थ अमेरिका में अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रही हो, लेकिन यह फिल्म सूर्या के फैंस और साउथ के दर्शकों के लिए एक विजुअल ट्रीट बनी हुई है। अगर इस फिल्म के प्रचार-प्रसार और रिलीज स्ट्रेटेजी को सही तरीके से प्लान किया जाता, तो यह कहानी शायद कुछ और होती।  

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